रमज़ान शरीफ़ का मुबारक महीना खैरो बरकत का खजीना है। इस महीने में अल्लाह तआला थोड़े से ही अमल करने पर बहुत ज़्यादा सवाब अता फरमाता है। और नेकियां कमाने के ढेरों आसान आसान तरीके अपने महबूब नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की जबानी हमें इनायत फरमाए। उन्हीं में से एक है रोजेदारों को इफ्तार कराना, रोजेदारों को इफ्तार कराने पर अल्लाह तआला अपने बंदों को ऐसे ऐसे इनाम और खुश खबरी देता है जिसे जानकर आपका दिल बाग बाग हो जाएगा।
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम रमज़ान शरीफ़ के महीने के बारे में इरशाद फरमाया कि:
ये (रमज़ान) सब्र का महीना है, और सब्र का सवाब जन्नत है, यह महीना गरीबों की ग़मख्वारी का महीना है, यह वो महीना है जिसमें मन का रिज़्क बढ़ा दिया जाता है, जो इस महीना में किसी रोजादार को इफ्तार कराए उसके गुनाहों की बख्शिश कर दी जाएगी, उसको जहन्नम से आजादी दी जाएगी, और उसे (इफ्तार कराने वाले को, इफ्तार करने वाले) रोजेदार के (रोज़े के) बराबर सवाब अता किया जाएगा, और रोज़ेदार के सवाब में कोई कमी भी नहीं होगी, (सहाबी ए रसूल) ने अर्ज़ किया कि हम में सब लोग ऐसे नहीं हैं जो रोज़ेदारों को इफ्तार करा सके, तो नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि अल्लाह तआला यह सवाब उसे देगा जो रोजेदार को एक घूंट दूध, या खजूर, या घूंट भर पानी से इफ्तार कराए, और जो शख्स किसी रोजेदार को सेर करे यानी भर पेट खाना खिलाए, अल्लाह तआला उसे मेरे हौज़ से वह पानी पिलाएगा कि कभी प्यास नहीं लगेगी, यहां तक कि वह जन्नत में दाखिल हो जाएगा। (हदीस शरीफ़)
सुब्हानल्लाह!! कितनी प्यारी हदीस है.... अगर आपने 50 रोज़ेदारों को पानी या शरबत पिला कर या खुजूर खिला कर इफ्तार कराया तो आपको तीन इनाम मिलेंगे
पहला इनाम: आपके गुनाहों की बख्शिश हो जाएगी
दूसरा इनाम: जहन्नम से आजादी मिल जाएगी
तीसरा इनाम: 50 रोज़े रखने का सवाब मिल जाएगा
और अगर आपने किसी रोजेदार को पेट भर कर खाना खिला दिया तो कयामत के दिन जो बहुत ही परेशानी वाला दिन होगा और परेशानी की वजह से हलक सूख रहा होगा जबान खुश्क हो रही होगी और प्यास के मारे लोग परेशान होंगे लेकिन रोजेदार को भर पेट खाना खिलाने की वजह से उसे दिन नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के हौज़ से ऐसा पानी पिलाया जाएगा कि प्यास ही खत्म हो जाएगी और जब तक महशर कायम रहेगा प्यास नहीं लगेगी यहां तक के जन्नत में दाखिल कर दिया जाएगा।
दूसरी हदीस शरीफ़ में है कि: जो अपनी हलाल कमाई से रमज़ान में रोज़ा इफ्तार करवाए रमज़ान की तमाम रातों में फ़रिश्ते उस पर दुरूद भेजते हैं और शब ए कद्र में जिबरईल अलैहिस सलाम उस से मुसाफा करते हैं और जिस से जिबरईल अलैहिस सलाम मुसाफा कर लें उसकी आंखें अश्कबार हो जाती हैं और उसका दिल नर्म हो जाता है (हदीस शरीफ़)
माशा अल्लाह!! कितनी खुशनसीबी की बात है कि रोज़ेदारों को इफ्तार कराने की बरकत से शब ए कद्र की रात हजरत जिबरईल अलैहिस सलाम से मुसाफा करने की भी सआदत नसीब हो जाती है
लिहाजा प्यारे इस्लामी भाइयों ! अभी भी हमारे पास आपके पास हर मुसलमान के पास यह सुनहरा मौका है कि अपने गांव, शहर में रोजेदारों को इफ्तार करवा कर यह सारे इनाम आसानी से हासिल कर सकते हैं। अगर आपका दिल इजाजत दे तो इस तहरीर को अपने दोस्तों रिश्तेदारों को शेयर कीजिए ताकि वह लोग भी इस बात को जानकर रोजेदारों को इफ्तार कराए और सवाब हासिल करें।
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