इन्सान की खूबसूरती के लिए रंग रूप, नाक नक्शा जितना खास होता है उस से कहीं ज्यादा उसके सिर के बाल होते हैं। आज कल बालों के नए नए डिजाइन सोशल मीडिया पर या अपने आसपास के लोगों में भी देखने को मिलते हैं लेकिन जो मुसलमान हैं उनको फैशन की आरज़ी (कुछ पल की) रंगों रौनक से मना किया गया है और अल्लाह और उसके रसूल अलैहिस सलाम के फरमान पर अमल करने में मुसलमानों की दुनिया व आखिरत की भलाई रखी गई है। आइए जानते हैं कि बालों के बारे में मुसलमानों को क्या बताया गया है:
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि जो शख्स रोज़ाना रात को अपने सिर और दाढ़ी में कंघी करता है वह कई क़िस्म की बीमारियों से महफूज़ हो जाता है और उसकी उम्र दराज (लम्बी) होती है।
इसी तरह एक और जगह हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का इरशाद है कि जो शख्स अपने सिर पर कंघी करता है वह मसाएब व आलाम (रंजो ग़म) से अमन पाता है।
और हजरत अली रजि़यल्लाहु तआला अन्ह फ़रमाते हैं कि कंघी किया करो क्योंकि इस अमल (काम) से फ़क़र (ग़रीबी) दूर होता है, और जो सुबह कंघी करता है वह शाम तक महफूज़ रहता है।
सप्ताह के सात दिनों में कंघी करने की बरकतें
- जो शख्स इतवार को कंघी करता है उसे खुशी और मुसर्रत हासिल होती है
- जो शख्स सोमवार को कंघी करता है उसकी ज़रूरियात पूरी होती हैं
- जो शख्स मंगल को कंघी करता है उसे मुआमलात में सहुलियत और आसानी पैदा होती है
- जो शख्स बुध को कंघी करता है अल्लाह तआला उसकी नेमतों में इज़ाफ़ा फरमाता है
- जो शख्स जुमेरात को कंघी करता है अल्लाह तआला उसकी नेकियों को बढ़ा देता है
- जो शख्स जुमा को कंघी करता है अल्लाह तआला उसे फरहतो निशात से नवाज़ता है
- जो शख्स सनीचर को कंघी करता है अल्लाह तआला उसके दिल को बुरी बातों से बचा लेता है
कंघी बैठ कर करना चाहिए या खड़े होकर?
आमतौर से कंघी करने में लोग इस बात का बिल्कुल भी ख़्याल नहीं रखते हैं कि कंघी बैठ कर करना चाहिए या खड़े होकर? आइए जानते हैं कि कंघी करने का सही तरीका क्या है? नुज़्हतुल मजालिस में लिखा है कि
जो शख्स खड़े होकर कंघी करता है उस पर दैन (क़र्ज़) ग़ालिब रहता है (यानी ऐसा शख्स अक्सर क़र्ज़ में डूबा रहता है)
जो शख्स बैठ कर कंघी करता है उससे दैन (क़र्ज़) किनारा कशी इख़्तियार करता है
बहुत से लोग जब अपने सिर में कंघी करने लगते हैं तो पानी लगा लेते हैं, मगर कुछ लोग बिना पानी लगाए ही कंघी कर लेते हैं, इस से क्या फायदा होता है? आज आप यह भी जान लीजिए:
हज़रत वहब रज़ियल्लाहू अन्ह फ़रमाते हैं कि जो शख्स बगैर पानी लगाए कंघी करता है उसकी अक़्लो फ़हम में इज़ाफ़ा होता है और जो पानी लगा कर करता है उसकी सोच और फिक्र में कमी होती है।
(माखज़: नुज़्हतुल मजालिस जिल्द 2. पेज नं 232 / 233)
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