अल्लाह तआला ने हमारे आपके ज़माने में अपनी नेमतों के ढेरों दरवाजे खोल दिए हैं जिस की वजह से हर तरफ पहले के मुकाबले ज्यादा खुशहाली है, जिस पर हम अल्लाह तआला का जितना शुक्र अदा करें कम है, लेकिन अफसोस का मक़ाम है कि हम लोग अल्लाह तआला का शुक्र अदा करने के बजाय फैशन परस्ती में लग कर तकब्बुराना तरीके अपनाने लगे हैं। फैशन के रंग में अपने आपको रंग लेने का सब से बड़ा नुक़सान यह होता है कि मुसलमान अपने प्यारे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुननत से दूर हो कर दीनी व दुनियावी मुसीबतों को दावत देने लगते हैं और ढेरों बरकतों से अपने आप को महरूम कर लेते हैं।
उदाहरण के तौर पर खाना खाने को ही ले लीजिए, कि थोड़ी सी दौलत क्या आ जाती है लोग खिलाफे सुन्नत तरीके से खाने लगते हैं।
खाना खाने का सुन्नत तरीक़ा और फैशन का नुक़सान
1. खाना खाने का सुन्नत तरीक़ा यह है कि ज़मीन पर दस्तरख्वान बिछा कर खाया जाए मगर फैशन में लोग टेबल कुर्सी पर खाते हैं
2. सुन्नत तरीक़ा यह है कि जूता चप्पल निकाल कर खाया जाए मगर लोग फैशन में जूता पहने हुए ही खाते हैं
3. सुन्नत तरीक़ा यह है कि हाथ से खाया जाए मगर लोग फैशन में चम्मच से खाते हैं
4. सुन्नत तरीक़ा यह है कि हाथ धो कर खाया जाए मगर चम्मच से खाने वाले हाथ क्यों धोएं?
5. सुन्नत तरीक़ा यह है कि खाने के बाद उंगलियां चाट लिया जाए मगर फैशन में चम्मच से खाने वाले उंगली क्यों चाटे?
आप सोच रहे होंगे कि माना कि सुन्नत के खिलाफ खाना खा रहे हैं मगर इस से नुकसान क्या है? तो आइए मैं आपको बताता हूं ऐसे खिलाफे सुन्नत तरीके से खाने से कितना नुक़सान होता है:
हदीस शरीफ़ में है कि हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि खाने से पहले वुज़ू करना (यानी हाथ धोना) फ़क़र (यानी गरीबी) को दूर करता है और खाने के बाद हाथ धोना दीवानगी (यानी पागल पन) को दूर करता है। (अहयाउल उलूम)
यही वजह है कि आप ने देखा होगा दौलत मंद लोग अगरचे लाखों कमाते हैं मगर उनकी दौलत की भूख कभी खत्म नहीं होती लेकिन गरीब कुछ रूपए कमा लेने से ही मुत्मइन हो जाते हैं, इसी तरह पागलपन के मामले में भी दौलतमंद लोग गरीबों से ज्यादा होते हैं। गरीब लोग खाने से पहले और बाद में हाथ धो कर अपनी हिफाजत कर लेते हैं लेकिन दौलतमंद लोग चम्मच से खा कर हाथ नहीं धोते और परेशानी को दावत दे देते हैं
ऐसे ही एक और रिवायत में आया है कि खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोना मुहताजी को दूर करता है (अहयाउल उलूम)
गरीब लोग अपनी रोज की आमदनी से अपना घर चला कर खुश रहते हैं लेकिन दौलतमंद लोग लाखों कमा कर भी क़र्ज़ पे क़र्ज़ लेते रहते हैं क्योंकि वो खाने से पहले और बाद में हाथ न धो कर अपना ही नुक़सान करते हैं।
बात अगर आपको समझ में आ चुकी है तो फिर सवाब की नीयत से यह बात अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी बताएं या इस आर्टिकल के लिंक को शेयर कर दें। अल्लाह तआला हम सबको अपने प्यारे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नतों पर अमल करने की तौफीक इनायत फरमाए,आमीन
एक सवाल आपसे : क्या आप को पता है कि खाना कितनी उंगली से खाना सुन्नत है? एक उंगली से तीन उंगलियों से या या पांच उंगलियों से? अगर आप जानते हैं तो नीचे Comment Box 👇 में अपने नाम के साथ लिख कर बताएं अगले आर्टिकल में बताया जाएगा कि किस का जवाब सही है और कितनी उंगली से खाना सुन्नत है ।
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